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तेरी मेरी मोहब्बत का कुछ हिसाब लिखूं सोचता हूँ तुझपर मैं एक किताब लिखूं। तुमको देखा था पहली बार अपने आँगन में देखते ही तुम्हारा रूप मैं अभिभूत हुआ कैसा चेहरा, ...